" समाज अपने नागरिको का प्रतिबिंब होता है। "
लोग जिम्मेदारी लेने के प्रति जन्मजात विरक्ति रखते हैं। हम जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं और गलतियों एवं कमियों के लिए दूसरों को दोष देते हैं। हम भूल चुके है कि समाज ऐसे लोगों का समूह है जो परस्पर साझेदारी एवं देखभाल में विश्वास रखते है। कोई भी समाज उतना ही अच्छा हो सकता है जितने उसके नागरिक। हालाँकि भौतिक सफलता के लालच ने हमें एक जिम्मेदार व्यक्ति के सुखो एवं गुणों से वंचित कर दिया है। हम एक ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां किसी व्यक्ति में मानवीय गुणों का मिलना बहुत दुर्लभ है। हमारी सफलता का एकमात्र पैमाना भौतिक लाभ अर्जित करने तक सीमित रह गया है। विश्व प्रसन्नता सूचकांक रिपोर्ट 2023 में भारत को 150 देशों में से 126वें स्थान पर रखा गया है। यदि भौतिक सफलता अधिक महत्वपूर्ण है, तो हम खुश क्यों नहीं हैं? सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) और दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अग्रणी होने बावजूद वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। क्या यह अच्छा नहीं होता, अगर भूटान जैसे देशों की तर्ज पर हमने सकल घरेलू प्रसन्नता (जी.डी.एच.) को चुना होता?
आंकड़े बताते हैं कि पांच में से हर व्यक्ति किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंता से ग्रस्त है। 50% मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ 14 वर्ष की आयु में विकसित होने लगती हैं, और 24 वर्ष की आयु तक, वे 75% तक पहुँच जाती हैं। यदि हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा को शामिल करते हैं तो स्थिति और भी खराब हो जाती है, जिसमें अकेले वर्ष 2022 के दौरान आईपीसी अपराधों में 2.8% और विशेष एवं स्थानीय कानून (एसएलएल) के मामलों में 7% की गिरावट के बावजूद साइबर अपराध में 24.4% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2021 में किशोरों के बीच अपराध दर में 6.7% से 7% तक की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गयी है। मौजूदा परिणाम वास्तव में बहुत चौंकाने वाले है और सरकार एवं रोजगार को सामाजिक पतन के लिए दोषी ठहराने वालों के लिए एक सटीक जवाब है।
कारण भले ही सरल हो परन्तु फिर भी यह स्वीकार करना कठिन है कि हम नैतिकता एवं सहानुभूति खो रहे हैं जिसे एक समझदार समाज के मापदंड के तौर पर देखा जाता है। हमारे पास दूसरों के लिए करुणा, सहानुभूति, पर्याप्त नैतिक समर्थन और प्रोत्साहन की बहुत कमी है। हम अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष नहीं दे सकते।
और जानें...चमत्कार हो सकते हैं, बशर्ते हम पहला कदम उठाएं।
हमारे कर्मों का लोगों और समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। हमारा पूरा जीवन सिर्फ दो चीज़ों के इर्द-गिर्द घूमता है: हमारी आकांक्षाएँ और हमारी मान्यताएँ। हमारी आकांक्षा अक्सर भौतिक सफलता से प्रेरित होती है। जब तक व्यक्ति आत्मकेन्द्रित विश्वास की शृंखला को नहीं तोड़ता तब तक उसे सच्चा सुख प्राप्त नहीं हो सकता। लंबे समय से चली आ रही आदर्श समाज कि अवधारणा जर्जर होती जा रही है क्योंकि हम समाज के वास्तविक अर्थ और इसकी बेहतरी के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझने में विफल हो रहे हैं। प्रायः ही हम उन परिस्थितियों से बचना पसंद करते है जहाँ हमारी वास्तविक जरूरत होती है। इसके अतिरिक्त हम यह भी मान लेते हैं कि हम अकेले कोई बड़ा बदलाव नहीं ला सकते है।
एक विशाल दृष्टिकोण
हम लोगों में जागरूकता लाने और समाज को एक जिम्मेदार समाज बनाने के मिशन पर निकले हैं। जहां हर कोई सामाजिक बुराइयों से मुक्त होकर सामूहिक जिम्मेदारी साझा करने को तैयार हो। एक ऐसा समाज जहां हम केवल शिकायत नहीं करें बल्कि उसे सुधारने की पहल भी करें। करुणा, सहानुभूति, सहयोग और समर्थन इस विचारधारा के मुख्य आधार हैं। हमारी पहल हमारे कार्य क्षेत्र या चुनौतियों से निपटने की कोई सीमा तय नहीं करती, बल्कि एक बेहतर समाज हेतु एक समग्र दृष्टिकोण पर बल देती है।
"ऐसी अनगिनत विषय हैं जिनसे हम जुड़े हुए हैं। हम किसी विशेष कारण या क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि समाज को एक जिम्मेदार समाज बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के प्रयास के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
- शिक्षा
- स्वास्थ्य एवं कल्याण
- महिला एवं बाल शोषण
- पुनर्वास
- सामाजिक जागरूकता
- नागरिक जागरूकता
- स्वच्छता जागरूकता
- पर्यावरण संरक्षण जागरूकता
- यातायात जागरूकता
- स्वास्थ्य देखभाल सहायता और जागरूकता
- सशक्तिकरण
- भिक्षावृत्ति विरोधी जागरूकता
- पशु कल्याण
प्रयास जो हमें दूसरों से अलग बनाता है?
आर.ए.वी. फाउंडेशन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मुस्कान लाने के उद्देश्य हेतु ईमानदार, जवाबदेह एवं कुशलत नेतृत्व की वकालत करता है। हम समाज को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए अपने समर्पण, कठिन प्रयास और दृढ़ता को आगे भी जारी रखने हेतु कृतसंकल्प एवं आशावान हैं। इसे संभव बनाने के लिए हमारी निम्नलिखित रणनीतियाँ हैं:
सामुदायिक विकास
हम एक मजबूत समुदाय विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो जरूरत के समय हमेशा दूसरों की मदद के लिए मौजूद रहे। दूसरों के प्रति करुणा, पारस्परिक देखभाल और एक सहायता प्रणाली हमारी विचारधारा के केंद्र में हैं।
समग्र दृष्टिकोण
हमारे संचालन का तरीका किसी स्थान, अनुभाग या कारण विशेष तक सीमित नहीं है। हम कई सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाते हैं, जैसे घरेलू दुर्व्यवहार, एसिड पीड़ितों को नैतिक, भावनात्मक और आर्थिक सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सम्बन्धी देखभाल, शिक्षा, स्वच्छ पानी तक पहुंच और गरीबों और वंचितों को न्यायसंगत अवसर प्रदान करना।
संसाधनों की उपलब्धता
हमारी टीम स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, दान, सामुदायिक विकास, सामाजिक कार्य और युवा लोगों और महिलाओं सहित समाज के कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बनी है। वे जोश और समर्पण के साथ जागरूक समाज की विचारधारा और परियोजना को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं।
पारदर्शिता
कार्य के प्रति समर्पण, समाज एवं इसके नागरिको के प्रति जागरूकता और सभी हितधारकों के साथ पारदर्शिता, ये सभी आपसी विश्वास और सम्मान की परंपरा एवं नींव को और मजबूत बनाने के हमारे प्रयासों के प्रमुख बिंदु है।